नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में मादा तेंदुआ की मौत:गर्दन और पीठ पर घाव के निशान, बाघ से संघर्ष की आशंका
नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में मादा तेंदुआ की मौत:गर्दन और पीठ पर घाव के निशान, बाघ से संघर्ष की आशंका
नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के मढ़ई क्षेत्र में रविवार सुबह एक मादा तेंदुआ मृत अवस्था में पाई गई। सुबह 8 बजे सुआरिया बीट में तेंदुआ का शव मिला, जिसके गर्दन और पीठ पर घावों के गहरे निशान थे। मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों ने तेंदुआ और बाघ के आपसी संघर्ष की आशंका जताई है। अफसर देर शाम तक नहीं कर सके पुष्टि सुबह सूचना मिलने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी दोपहर बाद मौके पर पहुंचे और शाम 7 बजे घटना की जानकारी सार्वजनिक की। घटनास्थल के आसपास बाघ और तेंदुआ के खरोंच के निशान भी मिले, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि संघर्ष के दौरान आई चोटों से तेंदुआ की मौत हुई होगी। STR की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। भोपाल से पहुंची डॉक्टरों की टीम, हुआ पोस्टमार्टम मादा तेंदुआ के पोस्टमार्टम के लिए भोपाल से वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट (WCT) के डॉक्टर प्रशांत देशमुख और डॉक्टर हमजा फारुखी व नर्मदापुरम से डॉक्टर सिंघाई को बुलाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुआ की गर्दन और पीठ पर बाघ के हमले के गहरे घाव पाए गए। केनाइन दांत (बाघ के नुकीले दांत) के निशान भी मिले हैं, जिससे बाघ द्वारा हमला किए जाने की संभावना और मजबूत हो गई है। 3 साल की मादा थी फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि तेंदुआ करीब 3 साल की मादा थी। पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग के नियमानुसार तेंदुआ का अंतिम संस्कार मढ़ई में ही कर दिया गया। घटना के बाद STR के फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा, डिप्टी डायरेक्टर पूजा नागले, सहायक संचालक अंकित जामोद और रेंजर पीएन ठाकुर मौके पर पहुंच गए, लेकिन घना जंगल होने के कारण शाम 7 बजे तक सभी अधिकारियों के मोबाइल नेटवर्क से बाहर रहे। वहीं, निचले तबके के वनकर्मी मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे।
नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के मढ़ई क्षेत्र में रविवार सुबह एक मादा तेंदुआ मृत अवस्था में पाई गई। सुबह 8 बजे सुआरिया बीट में तेंदुआ का शव मिला, जिसके गर्दन और पीठ पर घावों के गहरे निशान थे। मौके पर पहुंचे वन अधिकारियों ने तेंदुआ और बाघ के आपसी संघर्ष की आशंका जताई है। अफसर देर शाम तक नहीं कर सके पुष्टि सुबह सूचना मिलने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी दोपहर बाद मौके पर पहुंचे और शाम 7 बजे घटना की जानकारी सार्वजनिक की। घटनास्थल के आसपास बाघ और तेंदुआ के खरोंच के निशान भी मिले, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि संघर्ष के दौरान आई चोटों से तेंदुआ की मौत हुई होगी। STR की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। भोपाल से पहुंची डॉक्टरों की टीम, हुआ पोस्टमार्टम मादा तेंदुआ के पोस्टमार्टम के लिए भोपाल से वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट (WCT) के डॉक्टर प्रशांत देशमुख और डॉक्टर हमजा फारुखी व नर्मदापुरम से डॉक्टर सिंघाई को बुलाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुआ की गर्दन और पीठ पर बाघ के हमले के गहरे घाव पाए गए। केनाइन दांत (बाघ के नुकीले दांत) के निशान भी मिले हैं, जिससे बाघ द्वारा हमला किए जाने की संभावना और मजबूत हो गई है। 3 साल की मादा थी फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि तेंदुआ करीब 3 साल की मादा थी। पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग के नियमानुसार तेंदुआ का अंतिम संस्कार मढ़ई में ही कर दिया गया। घटना के बाद STR के फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा, डिप्टी डायरेक्टर पूजा नागले, सहायक संचालक अंकित जामोद और रेंजर पीएन ठाकुर मौके पर पहुंच गए, लेकिन घना जंगल होने के कारण शाम 7 बजे तक सभी अधिकारियों के मोबाइल नेटवर्क से बाहर रहे। वहीं, निचले तबके के वनकर्मी मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे।